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एमपी में मानसून ने साफ कर दी शहरों की हवा – Clean Air India News

एमपी में मानसून ने साफ कर दी शहरों की हवा

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सीमेंट और स्टोन इंडस्ट्रीज वाले शहरों में हवा हुई गांवों की तरह स्वच्छ । इंडस्ट्रियल एरिया की एयर भी हुई क्लीन,
भोपाल गुड और इंदौर सेटिसफेक्टरी लिस्ट में ।

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भोपाल गुड और इंदौर सेटिसफेक्टरी लिस्ट में, जहां डस्ट वहां मिली सबसे बड़ी राहत

प्रदेश पर इस साल जमकर मेहरबान रहा मानसून अपने साथ एक और अच्छी खबर लेकर आया है। प्रदेश में जारी जमकर बारिश के बीच अधिकांश जगहों की हवा फिलहाल शुद्ध हो गई है। प्रदेश के शहरों को लेकर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के हालिया आंक़डें इसी तरफ इशारा करते हैं। जिन इलाकों में लोगों को वायु प्रदूषण के चलते सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, वहां बारिश से एयर क्वालिटी क्लीन होने से फिलहाल राहत मिली है। हालांकि यह चैन फिलहाल अस्थायी तौर पर मिला है और घने-काले बादलों और बारिश की रवानगी के साथ हालात फिर जस के तस हो सकते हैं।

भोपाल गुड और इंदौर सेटिसफेक्टरी लिस्ट में, जहां डस्ट वहां मिली सबसे बड़ी राहत

प्रदेश की स्टोन और सीमेंट सिटीज में शुमार दमोह, सतना, मैहर, कटनी और जबलपुर में एक्यूआई इंडेक्स गुडबुक में आ गया है। रविवार शाम एयर क्वालिटी इंडेक्स दमोह में 23, सतना में 26, मैहर में 42, कटनी में 25 और जबलपुर में 44 रिकार्ड किया गया। यह एयर क्वालिटी किसी गांव या जंगल से सटे इलाके जितनी प्योर मानी जा सकती है। सीपीसीबी के मुताबिक यदि किसी स्थान का एक्यूआई 0 से 50 के बीच होता है तो उसे गुड केटेगरी में रखा जाता है, जबकि 50 से 100 के बीच एक्यूआई को सेटिसफेक्टरी माना जाता है। प्रदेश की राजधानी भोपाल भी एक्यूआई की गुड लिस्ट में शामिल हैं। बारिश के दौर में भोपाल का एक्यूआई 31 रिकार्ड हुआ है, वहीं इंदौर का एक्यूआई भी महज 65 रह गया है।

मोस्ट पॉल्य़ूटेड सिंगरौली भी सेटिसफेक्टरी लिस्ट में, लेकिन बारिश बीतने के बाद बढ़ेगी टेंशन

प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर कहा जाने वाला सिंगरौली भी इंद्र देव की मेहरबानी से इस बार सेटिसफेक्टरी पोजिशन हासिल कर चुका है। वहां पर एक्यूआई 85 दर्ज किया गया है। प्रदेश के जिन भी शहरों में एक्यूआई रिकार्ड किया जाता है, उनमें से एक भी शहर ऐसा नहीं है जहां एयर क्वालिटी फिलहाल मॉडरेट, पुअर, वेरी पुअर या फिर सीवियर कैटेगरी में हो। भोपाल स्थित एमपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अफसरों के मुताबिक बारिश के कारण हवा में प्रदूषण का अहम कारक बनने वाले पीएम 10 और पीएम 2.5 कण हवा में घुल नही पाते जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स सुधर जाता है। भोपाल स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक वेद प्रकाश के अनुसार हर साल एक्यूआई बारिश के दौरान सुधर जाता है, लेकिन इस साल प्रदेश में बारिश का दौर सिंतबर माह के मध्य तक खिंचेगा लिहाजा इसका असर भी तब तक बना रहेगा। इससे पहले प्रदेश में मानसून अगस्त के अंत तक में ही विदा ले लेता था जिससे अधिकांश शहरों की हवा सितंबर की शुरूआत से ही दोबारा प्रदूषित होने लगती थी।

स्थायी हल के लिए अपनाने होंगे गंभीर उपाय

इंदौर और प्रदेश के बाकी हिस्सों में एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए क्लीन एयर केटेलिस्ट (सीएसी) नामक ग्रुप ने अपने स्तर पर एक शुरूआत की है। इस संस्था के साथ जुड़ीं यूएस एड, वर्ल्ड रिसोर्स सेंटर, इंटर न्यूज़, व्हाइटल स्टेटेजीज , इन्वायर डिफेंस फंड, क्लीन एयर कोलेशन फार सिटीज , क्लाइमेट एंड क्लीन एयर कोलेशन जैसी ग्लोबल संस्थाओं ने इंदौर और प्रदेश के बाकी हिस्सों की एयर को पॉल्यूशन फ्री करने के लिए विगत जून माह में एक वर्कशॉप का आयोजन किया था। अर्थ जर्नलिज्म नेटवर्क के एक्सपर्ट के तौर पर इस मीडिया वर्कशॉप के दौरान एक्यूआई को स्थायी तौर पर गुड कैटेगरी में बनाए रखने के लिए कई सुझाव नगर निगन इंदौर को दिए थे। वर्कशॉप में शामिल सीनियर जर्नलिस्ट स्टेला पॉल और जॉयदीप गुप्ता के मुताबिक अगर इंदौर समेत प्रदेश में एक्यूआई को गुड या सेटिसफेक्टरी कंडीशन में बनाए रखना है तो उसके लिए कई गंभीर फैसले सरकार को लेने होंगे। जिनमें ग्रीन एनर्जी का अधिकतम उपयोग, कंस्ट्रक्शन के दौरान पानी का छिडकाव, ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने और अधिक से अधिक स्थानों पर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बनाने जैसे उपाय शामिल हैं।

इस टेबल के जरिए जानिए एयर क्वालिटी और उसका प्रभाव

0-50 गुड न्यूनतम प्रभाव
51-100 सेटिसफेक्टरी संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली तकलीफ
101-200 मॉडरेट फेफड़े, दमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सांस लेने में तकलीफ
201-300 पुअर ज्यादातर लोगों को लंबे समय तक सांस लेने में तकलीफ
301-400 वेरी-पुअर लंबे समय तक संपर्क में रहने से सांस की बीमारी
401-500 सीवियर स्वस्थ लोगों पर प्रभाव और बीमार वाले लोगों पर गंभीर रूप से प्रभाव

प्रदेश के शहरों के एक्यूआई पर एक नजर

शहर – एक्यूआई (21 अगस्त 2022, समय शाम 4 बजे)
भोपाल – 31
दमोह – 23
देवास – 48
ग्वालियर – 46
इंदौर – 65
जबलपुर – 44
कटनी – 25
मैहर – 42
मंडीदीप – 39
पीथमपुर – 65
रतलाम – 41
सतना – 26
सिंगरौली – 85
उज्जैन – 76

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